‘अपने पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की विरासत को वापस लेकर आना चाहती हूं’
उन्होंने कहा-मैं अपने पिता वाईएस राजशेखर रेड्डी की विरासत को वापस लेकर आना चाहती हूं. उन्होंने अपनी जिंदगी संयुक्त आंध्र के लोगों के लिए कुर्बान कर दी. अब तेलंगाना के लोग खुश नहीं हैं. वो बदलाव चाहते हैं. यह बात शर्मिला ने अपने पिता के विश्वासपात्र नेताओं से हुई कई राउंड की बैठक के बाद कही थी. नेताओं को जमीनी सच्चाई जानने का टास्क दिया गया है.
जगन रेड्डी नहीं चाहते थे कि शर्मिला अकेले पार्टी बनाकर तेलंगाना की राजनीति में उतरें
लेकिन शर्मिला की राजनीतिक महात्वाकांक्षाओं की कीमत भाई के साथ तनावपूर्ण संबंध हैं. दरअसल जगन रेड्डी नहीं चाहते थे कि शर्मिला अकेले पार्टी बनाकर तेलंगाना की राजनीति में उतरें. जब शर्मिला हैदराबाद में अपने घर के बाहर समर्थकों का अभिवानद स्वीकार कर रही थीं उसी वक्त आंध्र की राजधानी विजयवाड़ा में कुछ और घटित हो रहा था. जगन रेड्डी के सलाहकार और वाईएसआर कांग्रेस के सीनियर लीडर सज्जल रामकृष्ण ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इशारों में बताया कि शर्मिला ने राजनीतिक रास्ता चुना तो है लेकिन इसे लेकर जगन रेड्डी और अन्य पारिवारिक सदस्य सहमत नहीं.
जगन और शर्मिला के बीच कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं
रेड्डी ने कहा-मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि जगन और शर्मिला के बीच कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं लेकिन राजनीतिक एंट्री को लेकर वैचारिक मतभेद है. पार्टी नेताओं द्वारा सुझाव दिए जाने के बावजूद जगन रेड्डी ने तेलंगाना में पार्टी का आधार नहीं बढ़ाया क्योंकि वो आंध्र की जनता की सेवा करना चाहते हैं. उन्होंने शर्मिला को भी यही सलाह दी थी. लेकिन शर्मिला का इस मुद्दे पर कुछ और मानना है.
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