भारत और इंग्लैंड के बीच मौजूदा टेस्ट मैच 5 फरवरी से शुरू हुआ था. साल 1952 में भारत और इंग्लैंड ने इसी मैदान पर 6 फरवरी से टेस्ट खेला था. मौजूदा टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में हराकर आई है. 1952 में विजय हजारे की जो टीम मैदान पर उतरी थी, उसके खाते में सिर्फ ड्रॉ की खुशियां दर्ज थीं, जीत का स्वाद तो उसने कभी चखा भी नहीं था. इसलिए तब इंग्लैंड जीत का दावेदार था. इस बार टीम इंडिया जीत के दावेदार के तौर पर उतरी है. हालांकि, मैदान पर इंग्लैंड का पलड़ा भारी है. इंग्लैंड ने 578 का पहाड़ खड़ा कर दिया है. भारत संघर्ष कर रहा है.
अब विराट कोहली और जो रूट की टीमों के बीच खेले जा रहे मैच का नतीजा क्या होगा, यह तो वक्त के गर्भ में है. इसलिए फिलहाल भारत की पहली जीत की बात कर लेते हैं. यह जिक्र इसलिए भी जरूरी है क्योंकि 69 साल बाद करीब-करीब उसी तारीख पर वही टीमें उसी मैदान पर आमने-सामने हैं.
भारत और इंग्लैंड के बीच तब चेन्नई के चेपॉक स्टेडियम में मैच खेला गया था. इंग्लैंड की टीम ने मैच में पहले बैटिंग की, लेकिन उसके बल्लेबाज वीनू मांकड़ के सामने नहीं टिक सके. बता दें कि ये वही वीनू मांकड़ हैं, जिनके नाम पर ‘मांकडिंग’ टर्म आज भी प्रयोग किया जाता है. वीनू ने उस मैच में 8 विकेट झटके और इंग्लैंड की टीम 266 रन पर ढेर हो गई.
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भारत ने इस मैच में 8 और 9 फरवरी को बैटिंग की. 8 फरवरी को ओपनर पंकज रॉय (111) ने शतक बनाया. 9 फरवरी को पॉली उमरीगर (130) ने शतकीय पारी खेली. इन दोनों की बदौलत भारत ने 9 विकेट पर 457 रन का स्कोर बनाया. कप्तान विजय हजारे ने इसी स्कोर पर भारत की पारी घोषित कर दी.
इसके बाद भारतीय गेंदबाजों की बारी आई. भारत के गेंदबाजों वीनू मांकड़ और गुलाम अहमद ने 4-4 विकेट झटके और इंग्लैंड की टीम 183 रन पर ढेर हो गई. इस तरह भारत ने 10 फरवरी को टेस्ट इतिहास में पहली जीत दर्ज की. उसने यह मैच पारी व 8 रन के अंतर से जीता था.